काननपेंडारी में पदस्थ वनपाल रमेश ताण्डे उप वनक्षेत्रपाल के द्वारा खुलकर किया गया है भ्रष्टाचार
रायपुर / छत्तीसगढ़ के बिलासपुर वन वृत्त के अंतर्गत संचालित काननपेंडारी जूं में विगत 15-16 वर्षों से एक ही जगह में पदस्थ कर्मचारी रमेश ताण्डे उप वनक्षेत्रपाल के द्वारा लगातार फर्जी आदमियों के नाम से फर्जी व्हाऊचर बनाकर शासन को लाखों करोड़ों का चुना लगाया है।
येसे – येसे व्यक्ति के नाम कलेक्टर दर में भुगतान कराया जो कानन पेंडारी में कार्य ही नही करता है, लेकिन दैनिक वेतनभोगी को जितना पगार मिलता है उतना ही पगार उन फर्जी श्रमिकों को भुगतान किया गया है।
यही प्रमुख कारण है कि जो कानन पेंडारी में एक बार रह चुके है वों कानन पेंडारी से हटना नही चाहते हैं।
रमेंश ताण्डे कानन पेंडारी में वन रक्षक थे तब से पदस्थ है पदोन्नति के बाद भी उसी स्थान पर पदस्थ है लगभग 15-16 वर्षे से अधिक हो गये है एक ही स्थान पर जमें हुए है ! उसको भली भांति पता है कि कहां पर किस तरह से फर्जी व्हाऊचर बनाया जा सकता है,और उसी का फायदा उठाया है।
रमेंश ताण्डे उप वनक्षेत्रपाल का हरकत सामने आया है अगर खुलासा होगा तो विभाग सर्मसार हो जायेगा येसा हरकत उन्होने कानन पेंडारी के अंदर किया है। अगर विभाग अपना साख बंचाना चाहता है तो समय रहते उसको वहां से अन्यत्र जगह स्थानान्तरण कर दें नही तो विभाग की बदनाम खुलकर होगा।
सारें बातें संज्ञान में आने के बाद भी बिलासपुर मुख्य वन संरक्षक प्रभात मिश्रा क्यों कार्यवाही नही करना चाहता है। क्या येसी मजबुरी व परिस्थिति है जिसके कारण रमेश ताण्डे उप वनक्षेत्रपाल के आगे नतमस्तक है!
संचालक एटीआर एवं कानन पेंडारी वन मंडलाधिकारी गणेश भी बंचाने के प्रयास में लगे है, गुप्त सुत्रों से जानकारी प्राप्त हुआ है कि रमेश ताण्डे कहते है कि कि गणेश साहब के रहते मुझे कानन पेंडारी से कोई हटा नही सकता, कानन पेंडारी में रहकर हि दिखायेंगें ! उसी के नख्से कदम में चलने वाली जो वर्तमान में कानन पेंडारी रेंजर का चार्ज ली है, अगर उनके भी कार्य क्षेत्र का व्हाऊचर का सूक्ष्म रूप से जांच किया जाये तो लाखों रूपया का घपला सामने आयेगा।
रमेश ताण्डे उप वनक्षेत्रपाल के हरकत काे संगठन के ध्यान में लाया गया, संगठन के पदाधिकारी ने मामला को अपने हांथो में लेकर पटाक्षेप करने निर्णय ले लिया तो बन गया नही तो आज रमेंश ताण्डे जेल के अदर रहता!
महिलाओं के सांथ भी अमर्यादित तरिके से पेश आना अश्लील गाली गलौच करना और अनेक येसे उनके कृत्य है जो अधिकारियों का भी सर झुक जायेगा!
सीसीएफ साहब प्रभात मिश्रा का संरक्षण समझ से परे लग रहा है, येसा प्रतित होता है कि जितना भी प्रकाशन करों मुझे कोई फर्क नही पड़ना है,30 सितंबर के बाद मेरा बिदाई है!
ठेकेदारी की कमीशन कानन पेंडारी को छोड़ने नही दे रहा है,अगर कानन पेंडारी के भीतर चल रहे तमाम कार्यों की सुक्ष्म रूप से जांच किया जाये को सारे मामलों का परत दर परत खुलासा हो सकता है।
फर्जी व्हाऊचर बनाकर अधकरोड़ी चुना लगा चुका है !