केशकाल आमाबेड़ा तहसील धनोरा बडेखौली नदी पर पुल पुलिया निर्माण में किया गया भ्रष्टाचार
रायपुुर / छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल केशकाल आमाबेड़ा तहसील के धनोरा बड़ेखौली नदी पर बड़ा पुल पुलिया निर्माण कराया गया है जिसमें घोर लापरवाही बरती गई हैं।
छत्तीसगढ़ शासन छोटे-छोटे कस्बों को जोड़ने के लिये रोड पर नदी नालों को बांधकर पुल पुलिया निर्माण करके राह को सुगम बनाने का काम किया है। लेकिन पीडब्लूडी और ठेकेदारों की मिलीभगत ने प्रोजेक्ट में दिये गये रेस्यों के विपरीत निर्माण कार्य कराया है!
आपको बताना चाहेंगे कि पुल पुलिया निर्माण में कोनों पर लगाये जाने वाले स्टील और लोहे के डिवाइडर को एक्सपेंशन ज्वाइंट या विस्तार जोड़ कहा जाता है! यह पुल के ऊपरी हिस्से (डेक) को अलग अलग खंडों में बांटता है ताकि तापमान में बदलाव या भार पड़ने से होने वाले विस्तार और संकुचन को समायोजित किया जा सकें।
मुख्य प्रकार :-
माड्युलर एक्सपेंशन ज्वाइंट इसका उपयोग बड़े पुलों पर किया जाता है जहां ज्यादा विस्तार और संकुचन की गुंजाइश होती है।
फिंगर एक्सपेंशन ज्वाइंट, इसमें इंटरलाकिंग स्टील की प्लेट होती है जो उंगलियों की तरह एक दुसरे में फिट होती है जिससे पुल के डेक में गति संभव होती है।

धनोरा बड़ेखौली नदी पर पुलिया निर्माण कराया गया है जहां पर लोहे का डिवाइडर रेंलिंग लगाया गया है, उसे पिचींग या फिर कांक्रीट करके मजबूती के साथ बनाया जाना चाहिये था या फिर कांक्रीत का दिवार बताते हुए बेसिंग करना था ताकी डिवाइडर मजबुती से सांथ खड़ा रहे!

किन्तु जिस हिसाब से डिवाइडर का लगाया गया है कि मानों थुंक पालिस है, मिट्टी से दबाया गया है, मिट्टी हल्के फुल्के बारिस में बह जाता है, और येसा ही स्थिति धनोरा बडेखौली पुल पुलिया निर्माण कार्य में देखने के मिला है। पीडब्लूडी का व ठेकेदार का बड़ी ही लापरवाही देखने को मिला है करोड़ो रूपया के पुल पुलिया निर्माण कार्य में बड़ी लापरवाही बरती गई है। देखना ये है कि लोक निर्माण विभाग के मंत्री इसमें क्या कार्यवाही करता है।

