छ.ग.राज्य वन विकास निगम में धुरंधर का चल रहा है धुंआधार,अनेकों शाखा में बन बैठे है प्रभारी
रायपुर / छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम लिमिटेड के अंतर्गत बारनवापारा परियोजना मंडल संचालित हो रही है। छ.ग.राज्य वन विकास अपने आप में माहिर है जिसे पुरे छत्तीसगढ़ के लोग जानते है, 2431 नग सागौन घपला 436.459 घ.मी. लट्टा का अवैधानिक रूप से होता है भंडार और उसका बिक्री भी हो जाता है। निलाम में बेहद ही सातिराना दिमांग के सांथ खेल खेला गया है।
वो तो अच्छा हुआ की ग्रेडर के एक पत्र ने बारननवापारा परियोजना मंडल के कोडार काष्ठागार डिपों के सारे कारनामें सबके सामने लाया है।
विनायकं धुरंधर 26 वर्षों से धुआंधार पारी खेल रहे हैं।
छ.ग.राज्य वन विकास निगम बारनवापारा परियोजना मंडल में विगत 26 वर्षो से पदस्थ है, धुरंधर सहायक प्रबंधक लेखा प्रभारी, राजस्व शाखा प्रभारी,भंडार शाखा प्रभारी,स्थापना शाखा प्रभारी के रूप में बैठे हुए हैं। राजस्व शाखा प्रभारी बनकर खेल खेल रहे है जिसमें उक्त शाखा प्रभारी का महती भूमिका है येसा संदेह हो रहा हैं। क्योकिं राजस्व का मामला उन्ही के पास है, जब लकड़ी बीका होगा तो राजस्व शाखा के पास ही गया होगा! लेकिन राजस्व शाखा प्रभारी ने भी 2431 नग 436.459 घन मीटर लकड़ी के राजस्व को छिपाये रखा, उक्त जानकारी से मंडल प्रबंधक को वंचित रखा गया! जबकी निलाम की जानकारी व लाटिंग सूची पहले राजस्व शाखा में जाता है उसके बाद निलामी होता है, लेकिन मामले के गंभीरता को देखते हुए येसा प्रतित होता है कि कहीं न कहीं 2431 नग 436.459 घ.मी. सागौन हेरा फेरी में इनका सहयोग जरूर होगा। जो कि निर्धारित प्रपत्र में जानकारी भेजे जाने के बाद भी किसी भी अधिकारी कर्मचारी के विरूद्ध न ही नोटिस जारी किया न स्पष्टीकरण लिया है। अपनी धुआंधार पारी से बारनवापारा परियोजना मंडल को गर्त में ले जा रहा है।

स्थानान्तरण नीति को चुनौती देते हुए लगातार से पदस्थ है :-
विनायकं धुरंधर लेखापाल 26 वर्षों की लंबी पारी खेले है, धुरंधर अपनी पत्नी व भाई को भाजपा का नेता बताकर धौंस जमाये हुए है,मेरा कोई कुछ नही कर सकता कहते फिरते हैं। अगर ये से लंबा बिठाये रखना है तो हर एक अधिकारी कर्मचारी का रिस्तेदार भाजपा से कहीं न कहीं संबंध रखता है क्या उनका भी स्थानान्तरण नही किया जाना चाहिए।फिर शासन के द्वारा बनाये गये स्थानान्तरण नीति का क्या होगा, धुरंधर एक जिम्मेदार पदों पर रहकर अपने बीच बंचाव में अपने पत्नी व भाई को भाजपा नेता बताकर दुसरों डराना उचित नही है, 26 वर्षो से एक ही परियोजना मंडल में पदस्थ है जिसे हटाया जाना आवश्यक है!
क्योकिं जिस राजस्व शाखा का प्रभारी है उसी शाखा का मामला सामने आया है, 2431 नग 436.459 घ.मी.सागौन का बिक्री का पैसा उसी शाखा में जमा हुआ होगा! उक्त निर्धारित प्रपत्र की जानकारी उसी शाखा में गया होगा तो,संबंधित शाखा प्रभारी ने आज तक क्यों संज्ञान में नही लिया जो की जांच का विषय है।

ग्रेडर ने खोली पोल, छ.ग.राज्य वन विकास निगम के प्रबंध संचालक, मंडल प्रबंधक, रेंजर पचा गये 2431 नग सागौन कोडार काष्ठागार डिपों में विगत कई वर्षों से लकड़ी की हेराफेरी जोरों से चल रहा था, जिसकी कमीशन नीचे से लेकर उपर तक पहुंच रहा था!

यह मामला छत्तीसगढ़ वन विकास निगम के कोडार काष्ठागार डिपों का है, सारे विवरण से मंडल प्रबंधक को अवगत कराया है , ग्रेडर ने लिखित रूप से बताया है कि सितंबर 2021 की स्थिति में काष्ठ की आमद, निर्वतन, और अंतर की जानकारी से सारे कर्मकांड का खुलासा हुआ है।

निलाम में प्रस्तावित रखा गया काष्ठ आमद से ज्यादा नीलाम में रखा गया था जिसमें 2431 नग 436.459 घन मीटर काष्ठ ज्यादा बढ़ोतरी हुआ है, इतनी मात्रा में काष्ठ बढ़ाेतरी कैसे हुआ है उक्त सागौन काष्ठ कहां से आया है, किसने भेजा और किसने बेंचा जांच का विषय है!



कोडार काष्ठागार डिपो का बड़ा कारनामा सबके सामने खुलकर आया है, ग्रेडर ने लेख किया है चालान क्रमांक 8382/04 दिनांक 01.09.2021 को POR मटेरियल चालान द्वारा डिपों में प्राप्त हुआ है, जिसका डिपों नंबर 78867 से 78874= 08 नग की जिसकी डिपों एलाट नंबर हुआ है लेकिन नीलाम में इस डिपों नं. की लट्ठा ही नही था।
माह मई 2021 से सितंबर तक के आमद में चालान में बल्ली को काष्ठ बना दिया गया है, अब बल्ली का काष्ठ बनना बड़ा गजब का खेला है, लेकिन नीलाम में उस डिपो नं. की काष्ठ नीलाम में नही है प्रत्येक चालान में 10 से 15 नग बल्ली को लट्टा बनाया है !
अनुज्ञा पत्र में भी लट्टा बल्ली बेचते है उसे रास्ता में कुछ मत हो करके अनुज्ञा पत्र में जितना नग बेंचता है उसे किसी भी लाट में लिखकर नग बढ़ाकर घन मीटर को यथावत जारी कर दिया जाता है!
येसा दिमांक लगाने वाला वह अधिकारी कौन है जो इस प्रकार के कार्य को अंजाम दिया है, येसे ही कार्य जब से डिपों खुला है तब से चला आ रहा होगा,न जाने कितने ट्रक सागौन माल को पार कर दिया होगा।
बड़ी बात ये है कि उस समय टीपी कौन काटता था, टीपी में राईटिंग किसका है, रिपोर्ट कौन तैयार करता था यह भी जांच का विषय है, जब वर्ष 2021-22 में इतनी भारी मात्रा में जंगल से रातों रात माल आ गया , तो न जाने 20-22 वर्षो में कितना माल खपा दिया होगा!
मनी रसीद में भी वाहन चालक से नियमानुसार वसुली किया जाता है लेकिन मनी रसीद में राशि बंचाकर कम राशि का उल्लेख कर दिया जाता है!
ग्रेडर के पत्र ने छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम की सारी पोल खोलकर रख दिया है करोडों का घपला किया गया है जिसका खुलासा हुआ है।
न जाने जब से डिपों खुला है तब से कितना हजारों करोड़ो रूपया का सेंध लगा दिया होगा!
येसा प्रतित होता है कि आंखों के सामने ट्रको ट्रक काष्ठ निकल गया होगा और प्रबंध संचालक को इसकी भनक तक नही लगा!
वर्तमान में प्रबंध संचालक है जो मामला को ठंडा बस्ता में डालने का प्रयास कर रहे है जिसके कारण लगातार प्रकाशन के बाद भी कार्यवाही नही कर रहे हैं ,उससे प्रबंध संचालक के कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है। कहीं येसा ना हो कि 2431 नग सागौन लट्टा को रिकार्ड में दुरूस्त कर सुधारने का प्रयास किया रहा हो, ताकी लिपा पोती कर मामला को कफन दफन किया जा सके।
कौन काटता रहा टीपी कौन बनाता रहा जानकारी यह भी जांच का विषय है।
कोडार काष्ठागार डिपों जब से खुला है तब से कौन टीपी काटता था किसकी राईटींग है कौन गोस्वारा बनाकर जानकारी वरिष्ठ कार्यालय भेजता था इसकी सुक्ष्म रूप से जांच किया जाना आवश्यक है ! अगर जानकारी गलत था तो आज तक प्रबंध संचालक और मंडल प्रबंधक ने कार्यवाही क्यों नही किया, अगर जानकारी सहीं है तो 2431 नग 436.459 घ.मी.कैसे बढ़ गया है,
इतना भारी तादात में काष्ठ का आमद हो जाना और उसका बिक्री भी हो जाना चिंता का विषय है!
ग्रेडर ने अपने पत्र में यह भी लेख किया है कि रात्री गस्त के समय POR मटेरीयल सागौन चिरान तथा 01 नग सायकल को चालान क्र. 8070/21 दिनांक 14.01.2022 के द्वारा काष्ठागार डिपों में भेजा गया था जबकी मटेरीयल सागौन चिरान को नीलाम दिनांक 08.01.2022 को नीलाम में प्रस्तावित कर दिया जिसका लाट क्र. 2075 स्टेक 5640 में 16 नग = 0.077 घन मीटर है!
आखिरकार किस अधिकारी या कर्मचारी ने इतनी मात्रा में काष्ठ , 2431 नग = 436.459 घन मीटर सागौन के लट्ठा को पचा गया! छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम लिमिटेड में अधिकारी कर्मचारी की पाचन क्षता बहुत अधिक है ,जो ईमारती काष्ठ जैसे चीजों को पचा दे रहे है जब एक वर्ष में इतने सारे गंभीर मामला सामने आया है तो वर्ष 1998 से खुलासा होगा तो न जाने क्या होगा !
यह घपला छ.ग.राज्य वन विकास निगम को नंगा करके रख दिया है, करोड़ो रूपया के सागौन काष्ठ की हेरा फेरी है! सीधे तौर पर इसे चोरी ही कहा जा सकता है, जो 2431 नग लट्टा को डिपों से रातो रात पार्सल कर दिया,,,, क्या इसकी भरपाई प्रबंध संचालक करेंगें, या बारनवापारा परियोजना के मंडल प्रबंधक करेंगें!
जिस प्रकार से 2431 नग लट्ठा 436.459 घन मीटर काष्ठ का अवैधानिक रूप से आमद हुआ है डिपों में तो उस लकड़ी को अनलोडिंग हेमाल लोगों ने किया होगा, और अवैधानिक रूप से प्राप्त काष्ठ जब बाहर गया तो उस लकड़ी का लोडींग भी हेमाल लोगों ने ही किया होगा उन लोगों के उपर भी कार्यवाही किया जाना आवश्यक है।
मतलब इससे स्पष्ट होता है कि इस कारनामें में भी हेमाल लोगों की अहम भूमिका है,पता करने पर स्पष्ट हो जायेगा कि किस ठेकेदार के गाड़ी में कितना माल लोड किया गया है।
जंगल में मात्रा से अधिक कटाई हुआ है जिसे डिपों में लाकर,अविधिक ढंग से विक्री किया गया है, पत्र में लिखे सारे तथ्य सबके सामने उजागर करने में महति भूमिका निभाई हैं।
2431 नग सागौन लट्ठा 436.459 घन मीटर की काष्ठ घपला में मामले में प्रबंध संचालक, मंडल प्रबंधक, उप मंडल प्रबंधक, रेंजर, डिप्टी रेंजर के उपर कार्यवाही करते हुए तत्काल निलंबित किया जाना चाहिए। जिन्होने मिल जुलकर छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम को चुना लगाने का कार्य किया है।
पूर्व में उप मंडल प्रबंधक चित्रा त्रिपाठी ने ग्रेडर को प्रताड़ित करने का कार्य किया था, ताकी ग्रेडर का आवाज दब जाये और अपने कारनामें में वो लोग सफल हो सकें लेकिन आज सारे के सारे पोल खुल गया है।

