PWD विभाग में बाहुबली का आतंक,बागबाहरा को भ्रष्टाचार की कारीडोर बना चुके है
रायपुर / छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिला जो कि उड़िसा प्रांत से लगे हुए बागबाहरा विकास खंड जहां पर पदस्थ है उप अभियंता जिनके कार्यशैली को लेकर प्रश्न चिन्ह लग रहे है, लगातार भ्रष्टाचार का कहानी गढ़ रहे हैं।
दरअसल मामला यह है बागबाहरा में पदस्थ उप अभियंता भागबली साहु, विगत 15-16 वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ है, उनके द्वारा लगातार स्थानान्तरण नीतियों को चुनौती देते हुए पदस्थ है!संचार क्रांति न्यूज एवं संचार भारत न्यूज की टीम ने संयुक्त रूप से निरीक्षण किया तो पाया कि पुल पुलिया निर्माण के नाम से लाखों करोड़ों रूपया का घपला किया गया है।
घटीया निर्माण कार्य, कराकर पुल पुलिया बनाया गया है, भवन बनाया गया है, जिसकी स्थिति आज दैनंदिनी है।



लोक निर्माण विभाग (भ/स)उप संभाग क्रं.02 महासमुंद, बागबाहरा में सकड़ निर्माण कार्य में हुआ है धांधली,चोरभट्टी के पास वर्ष 2025 में पुलिया निर्माण कार्य कराया गया है, और 30 जूलाई को वह पुल टुटकर बह गया, मतलब येसा घटिया पुल का निर्माण कराया गया था की मानों थुंक पालिस,जो एक माह भी नही टिक पाया, यह कैसा अनोखा भ्रष्टाचार है!
निर्माण कार्य इतना घटीया है जैसे जोड़ाई सिमेंट से नही बल्की मिट्टी से किया गया हो,जो बारिश के आते ही बह गया!




सीजी संचार क्रांति न्यूज के टीम के द्वारा मौके पर निरीक्षण किया तो सारे मामला का उजागर हुआ कि,उक्त पुल में जो (डोन) पाईल लाईन 1200 mm का लगना रहता है वहां पर 900mm का लगाया गया है। जिस हिसाब से पुलिया निर्माण कार्य हुआ उसकी लंबाई के अनुसार लगभग 09-10 पाईप (डोन) लगना चाहिए था किन्तु केवल 04 पाईप ही लगाकर घपला किया गया है! जिससे प्रताड़ित होकर पुल भी दम तोड़ दिया है!
भागबली साहु उप अभियंता लगभग 12-15 वर्षों से बागबाहरा में ही पदस्थ है जिसके कारण उनका मनोबल बढ़ा हुआ है जहां शिकायत करना है कर दो, केस करना है कर दो जैसे धमकी देते है! मुनगासेर से बोररीदादर, कोलदा से लीलेसर में पुलिया बना है, (एपरोच) पुलिया , पुराना को तोड़कर नया बनाया गया है, 05 माह पहले बनाया गया है उसका स्थित देख सकते हैं।
मामला यह भी है कि पुलिया को पाटने के लिये के वन विभाग के जमीन से मुरूप निकाला गया है और पटाई कार्य किया गया है इसके लिए वन विभाग से परमीशन नही लिया गया है जो मनमानी का घोतक है। PWD में तो अपनी दादागिरी चला ही रहे है वन विभाग में भी दादागिरी करके वन भूमि के मुरूम ढंकार गये।
सूचना के अधिकर अधिनियम 2005 के तहत जानकारी प्राप्त हुआ है जिसमें पुल पुलिया,भवन, सडक निर्माण कार्य में भारी भरकम फर्जीवाड़ा किया गया है,जिसकी अगर सुक्ष्म रूप से जांच किया जाये तो बागबाहरा में पदस्थ उप अभियंता भागबली साहु का सारे पोल खुलकर सामने आ जायेगा।
शासन प्रशासन को गुमराह करने के लिए गलत तरिका से दौरा दैनंदिनी प्रस्तुत किया है, जहा बागबाहरा मुख्यालय से घोयनाबाहरा की दुरी 10 से 12 कि.मी.है आना जाना का 24 किलो मीटर होगा।
लेकिन जिम्मेदार, ईमानदार अधिकारी ने बागबाहरा से घोयनाबाहरा का दुरी 35×2= 70 किलो मीटर दर्शसाते हुए प्रस्तुत किया है। मेरे द्वारा उनके दौरा दैनंदिनी का अवलोकन किया गया तो बहुत सारे मामले फर्जी पाये गये है जो दौरा के नाम से राशि ढंकार गये हैं।
ये से ही दारगांव के पास शासकीय खेमराज लक्ष्मीचंद कला महाविद्यालय में ओपन स्टेडियम का निर्माण कराया जा रहा है! जिसमें प्राक्लन में बोर खनन का पैसा स्वीकृति हुआ है। लेकिन दारगांव सरपंच द्वारा राहगिरों के लिये हैडपंप का खुदवाई करवाया था, उसी हैडपंप में मशिर फिट कर बोर बनाया दिया गया है। पैसा बचाने के लिये भागबली साहु और ठेकेदार ने संयुक्त समझौता कर सार्वजनिक हैडपंप में अपना एकाधिकार जमा लिया है।
लंबे समय से पदस्थ रहने के कारण मनमानी चरम सीमा तक चला गया है, जबकी पूर्व में लगातार प्रकाशन हुआ था किन्तु कार्यपालन अभियंता ने अनदेखा कर बंचाने का कार्य किया है जिसके कारण उनका हौंसला बुलंद हो पर हाे हैं।

