सुकमा वन मंडलाधिकारी के संरक्षण में कैम्पा का स्ट्राइक फोर्स दौड़ाया जा रहा है दुसरे जिलों में
रायपुर / छत्तीसगढ़ के सुकमा जिला जो तेलंगाना और आध्र प्रदेश तथा उड़िसा से लगा हुआ सीमावर्ती क्षेत्र है। सुकमा वनो से घिरा हुआ क्षेत्र है जहां पर सुकमा वन मंडल अपने आप में एक पहचान बनाये हुए हैं। और कुछ दिन पूर्व घटित घटना से सुकमा को पुरा छत्तीसगढ़ तो क्या अन्य राज्य भी जान गया है, की सुकमा वन मंडल में करोड़ो रूपया का तेन्दुपत्ता घोंटाला हुआ था जहां ईडी ने लगातार दबीस देकर शासन के संपत्ति को खंघाला था और तत्कालीन वन मंडलाधिकारी को सलाखों के पिछे डाला गया था।
वही सुकमा वन मंडल में वर्तमान वन मंडलाधिकारी के संरक्षण में तोंगपाल रेंजर कैम्पा से आबंटित स्ट्राइक फोर्स को अपने कार्य क्षेत्र में न दौड़ाकर दंतेवाड़ा जिला में दौड़ा रहा है।



वन विभाग का खेला भगवान ही जाने, शासन प्रशासन के निर्देशों को लताड़ रहे है, जबकी वन मुख्यालय से जारी निर्देश मुख्य कार्यपालन अधिकारी कैम्पा का पत्र क्रमांक /कैम्पा 07/एस.ओ./2025/2560 रायपुर दिनांक 16.07.2025 को उक्त पत्र को जारी कर स्पष्ट रूप से निर्देश किया है कि भारत सरकार वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा जारी गाईड लाईन में दिशा निर्देश के अनुसार परिक्षेत्र स्तरीय स्ट्राइक फोर्स के वाहन को उपयोग केवल परिक्षेत्र की सीमा के अंदर ही किया जाना है! परिक्षेत्र के बाहर उपयोग किये जाने के दौरान घटना दुर्घटना होने पर जन हानी, घायल,या वाहन क्षति संबंधित वन मंडलाधिकारी एवं संबंधित परिक्षेत्र अधिकारी जिम्मेदार होंगे। जिसके कारण कैम्पा मद से आबंटित परिक्षेत्र स्तरीय स्ट्राइक फोर्स के वाहनों को बाहर उपयोग नही किये जाने संबंधी निर्देश जारी किये हैं।
वन मंडलाधिकारी सुकमा के द्वारा वरीष्ठ कार्यालय के निर्देशों का सीधा अवहेलना किया जा रहा है। पहली बार सुकमा वन मंडलाधिकारी के रूप चार्ज लेते ही उच्च स्तरीय आदेश निर्देशों को ठेंगा दिखाया जा रहा है , तो न जाने अपने पुरे कार्यकाल में क्या क्या करेंगे सोंचने वाली बात है?
क्या वन मंडलाधिकारी ने स्वयं तोंगपाल रेंजर को कैम्पा के स्ट्राइक फोर्स को दंतेवाड़ा ले जाने का अनुमती दिया है?
या बिना वन मंडलाधिकारी के जानकारी में कैम्पा के स्ट्राइक फोर्स कार्य क्षेत्र को छोड़कर निजी कार्यों में दौड़ रहा है, क्या लगाम लगायेगा वन मंडलाधिकारी तोंगपाल रेंजर के उपर या अपने सर में चढ़ायेगा!
वर्तमान में तोंगपाल रेंज चार्ज के सांथ सांथ सुकमा रेंज चार्ज पर भी है, वन मंडलाधिकारी के करिबी माने जाते है, जो सुकमा रेंजर कह दे अमिट है वन मंडलाधिकारी उनके बातों को नही काटते येसा पुरा सुकमा और दंतेवाड़ा तक हवा में फैल गई हैं।
वास्तव में देखा जाये तो विभाग के आलाधिकारी को तोंगपाल /सुकमा रेंजर के परिस्थिति को लेकर गंभीरता पूर्वक कार्यवाही करना चाहिए। जब से वन रक्षक है तब से सुकमा वन मंडल में डेरा डाले हुए है, आज वन रक्षक से वनक्षेत्रपाल बन चुके है कांग्रेस के शासनकाल में खासा पकड़ था जिनके कारण दबंगई से नौकरी किया है।
सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जगदलपुर में करोडो़ के आसामी सम्पत्ति है, अगर ईडी से जांच कराया जाये तो सार तत्व निकलकर बाहर आ सकता है।
क्या अपने निजी उपयोग में वाहन का दुरूपयोग किया है इसके लिये वन मंडलाधिकारी सुकमा कार्यवाही करेंगें या संरक्षण देकर उक्त मामले को ठंडा बस्ता में डाल देंगे। अगर मामला ठंडा बस्ता में जायेगा तो गरमा गरम माहोल के सांथ पुन: मुख्य मंत्री,वन मंत्री, के पास शिकायत की नींव रखा जायेगा,जो केंद्र सरकार तक इसकी गुंज सुनाई देगा ।
पूर्व में अन्य जिले में घटित कैम्पा के स्ट्राइक फोर्स वाहन का हालत देख सकते है,परखच्चे उड़ गये, कार्य क्षेत्र से बाहर दौड़ रहा था वाहन!


