आकस्मिक्ता कार्यभारित सेवा नियम के लिये वित्त मंत्री चौधरी से किया मुलाकात, मंत्री ने कैबिनेट में जल्द निर्णय लेने का दिया आश्वासन
रायपुर / छत्तीसगढ़ में वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने लगातार मेहनत अपने अधिकारों की जंगी लड़ाई लड़ी है! वर्ष 2018 में 22 दिन,वर्ष 2022 में 34 दिन और वर्ष 2024 में 48 दिनों तक अनिश्चित कालीन हड़ताल पर रहे, अपने चट्टानी इरादा के सांथ मैंदान में डटें रहे! जिसके परिणाम स्वरूप आज श्रम सम्मान राशि का घोषणाएं,अनुकम्पा अनुदान राशि, वरीयता सूची,और हड़ताल अवधि के वेतन भुगतान हुए है! और स्थायीकरण, नियमितीकरण, आकस्मिक्ता कार्यभारित का प्रस्ताव शासन के स्तर पर गया है!
प्रस्ताव वर्तमान में वित्त विभाग में है जिसके संबंध में छत्तीसगढ़ दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारी संघ जिला रायपुर के जिलाध्यक्ष अजय गुप्ता ने बताया कि हम लोग वन मंत्री से मुलाकात किये है उन्होने भी वित्त विभाग में चर्चा कर जल्द प्रस्ताव को पारित कराने का आश्वासन दिया है। वहीं रायपुर जिला व प्रदेश प्रतिनिधि मंडल ने वित्त मंत्री से मुलाकात किया जिस पर माननीय वित्त मंत्री ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में जल्द निर्णय लिया जायेगा !
कुछ असामाजिक तत्व के व्यक्तियों के कारण भांति भांति प्रकार की चर्चाएं सुनने को मिलते रहते है जो लगातार प्रयासरत रहते है कि वन विभाग के काम न हो दैनिक वेतनभोगी येसे आजीवन बधुंवा मजदुर जैसे कार्यरत रहें!
गत दिनों संगठन के 05-06 महिला एवं पुरूष सदस्यों को संघ से निष्कासित कर दिया गया है जिसके कारण उन लोग भी लगातार अफवाहें फैलाते रहे किन्तु वन विभाग के दैनिक वेतनभोगी मजबुती और चट्टानी ईरादा के सांथ संगठीत है।
*वित्त विभाग में अटकी फाईल को जल्द पारित कराने के लिये संगठन के पदाधिकारी संघर्षरत है !*

दो चार येसे लोग है जो लगातार संघ विरोधी कार्य में लिप्त पाये गये,नया संगठन बनाने की प्रचार प्रसार कर संगठन को कमजोर करने का काम किया था येसे लोगों को संगठन के समस्त सदस्यों ने लात मार के भगा दिया है जिसके कारण बीच बीच में कुछ समाचार पत्रों में न्यूज पोर्टलों में प्रकाशन कराकर वन विभाग के दैनिक वेतनभोगी लोगों को कमजोर करने व अफवाहें फैलाने का प्रयास करते रहे ,लेकिन उनका प्रयास असफल हो गया!
छत्तीसगढ़ दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारी संघ ने कांग्रेस शासनन काल के अंतिम स्थिति तक संघर्षरत रहा और अंतिम में परिणाम स्वरूप 4,000 श्रम सम्मान राशि का घोषणा हुआ जिसका लाभ भी सर्वप्रथम वन विभाग ने उठाया था और आज भी उठा रहे हैं।

वैमनस्ता वश रायपुर वन मंडलाधिकारी कुछ दैनिक वेतनभोगी को वंचित रख दिये है वो अलग बात है, बात नही मानने पर हम कोर्ट जाकर उनका अधिकार दिलायेंगें !
रायपुर जिलाध्यक्ष अजय गुप्ता ने बताया की :- निजी लाभ के चाहने वाले येसे लोग है जिन्हे संघ विरोधी कार्य करते हुए पाने जाने के कारण संघ से निष्कासित कर दिया गया है वही लोग वन मंत्री व वित्त मंत्री व संगठन के छवि को धुमिल करने के लिये बीच बीच में समाचार प्रकाशित कराते रहते है!
वन मंत्री जी वन विभाग के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के लिये सार्थक कदम उठाये है, वित्त मंत्री भी जल्द वन विभाग के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियो के प्रस्ताव पर मुहर लगायेंगें येसा विश्वांस है। पुरे वन विभाग के 6500 दैनिक वेतन भोगी मुख्य मंत्री, वन मंत्री और वित्त मंत्री विश्वांस जताते हुए उनके फैसले पर निगाहे टिकाये बैठे हुए हैं।
छत्तीसगढ़ दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारी संघ लगातार दैनिक वेतनभोगी,वाहन चालक, कम्प्युटर आपरेटर, कार्यालय सहायक, दैनिक श्रमिक,सुरक्षा श्रमिक,ते.प.गोदाम सुरक्षा श्रमिकों के हित में कार्य कर रहा है। मंत्रियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर वार्तालाप जारी है ताकि दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियो के हित में सार्थक निर्णय आ सके।

